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श्री भीलट देव परिहार दादा की जीवनी

 जय श्री भीलट देव की चलिए आज हम श्री भीलट देव बाबा जी के जो परिहार हैं उनकी जीवनी के विषय में आज चर्चा करने वाले हैं और आपको हम बताएंगे कि उनका जीवन आज के इस भौतिकवादी समय में भी कितना कठिन है । चलिए बिना देर किए हम शुरुआत करते हैं आपने इंटरनेट पर कई वीडियो देखे होंगे कि बाबा भविष्यवाणी वर्ष में दो बार करते हैं तो बाबा परिहार दादा जी के शरीर में कैसे आते हैं ? दादा के शरीर में बाबा का आना उनके पीछे की त्याग तपस्या है । आज भी एक कुटिया में रहते हैं इस कुटिया में भोजन बनता है यह की दादाजी का भोजन घट्टी जो हाथ से चलती है उससे पिसता है और स्नान करने के बाद ही भोजन बनता है आज के समय में तो बिजली की चकिया चलती थी मगर आज के समय में भी घटटी का पीसा हुआ दादाजी ग्रहण करते हैं और दूसरा इसमें बहती हुई नदी का जल ही दादाजी पीते हैं हेडपंप नल कुआ इत्यादि का जल ग्रहण नहीं करते बाजार की कोई भी सामग्री उपयोग नहीं करते जैसे तेल और जो भी सामग्री दुकान की हो वह उपयोग नहीं करते हैं जो भी घर में चीज हो उसी का उपयोग होता है चौथा अगर दादा जी को कहीं जाना होता है तो आज भी घोड़ा और गाड़ी की सवारी से जाते हैं...

भीलट देव चमत्कार व लीला प्रसंग

 श्री भिलट देव बाबा के कई चमत्कार हुए है । जिसमें मुख्य चमत्कार हुए है वो है नि: संतान को संतान देना। भिलट देव मंदिर में जाकर मंदिर के पीछे गोबर से 5 उलटे हाथे लगाना बाबा के मंदिर की पांच परिक्रमा करके 5 मंगलवार उपवास करना विशेष बाबा के ऐसे ओर कई चमत्कार हैं जिसमें बाबा की श्रध्दा नियम से को भी करता है बाबा उनकी संपूर्ण मनोकामना पूर्ण करते है।।

भीलट देव सम्पूर्ण जीवन दर्शन व कथा

 आज आपको हम श्री भीलट देव बाबा की जन्म से पूरी कथा आपको इस ब्लॉग में बताएंगे बने रहिए हमारे साथ और भी कई तरह के चमत्कार और बाबा की लीलाओं के बारे में अवगत कराएंगे श्री भिलट देव बाबा का जन्म रोल गांव मैं हुआ था यह हरदा जिले के समीप पड़ता है श्री भिलट देव संपूर्ण जीवन दर्शन व कथा के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं वीरभद्र का भिलट देव अवतार में वर्णन श्री पार्वती जी और भगवान शंकर जी के चरणों में प्रणाम करता हूं जिनके बिना भिलट देव कोई कार्य नहीं कर सकते ज्ञान रूप नित्य शंकर रूपी गुरु की में वंदना करता हूं जिनके सहारे भिलट देव अपना सारा कार्य सिद्ध करते हैं और मैं सभी संत महापुरुषों के चरणों में प्रणाम करता हूं जिनकी कृपा से और भोजन से यह सृष्टि का संतुलन बना रहता है और मैं मां नर्मदा के चरणों में प्रणाम करता हूं मां आप पापियों के पाप धोने में संपूर्ण सक्षम हो और भिलट देव की आपकी इस पवित्र धारा में स्नान हेतु जाया करते हैं मां आप मुझ पापी अज्ञानी जीव का भी पाप धो ताकि मैं भिलट देव की गाथा को लिख सकूं हे मा भिलट देव एक महाशक्ति हैं और उनकी महिमा अपरंपार है और मेरी बुद्धि बहुत छोटी है...